जल और जंगल : Class 7 Science Chapter 1 Notes and Solution

परिचय

बिहार बोर्ड कक्षा 7 के पहले अध्याय “जल और जंगल” में जल और जंगल के महत्व को सरल भाषा में समझाया गया है। यह अध्याय हमें जल और जंगल से जुड़ी जानकारी और इनका पर्यावरण में योगदान बताता है। इस अध्याय के माध्यम से छात्र यह समझते हैं कि प्राकृतिक संसाधन जैसे जल और जंगल कैसे हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और हमें इन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता क्यों है।

जल का महत्व

जल हमारे जीवन के लिए सबसे आवश्यक संसाधन है। बिना जल के जीवन की कल्पना करना असंभव है। जल न केवल पीने के लिए उपयोगी है, बल्कि कृषि, उद्योग, बिजली उत्पादन और घरेलू कार्यों के लिए भी अनिवार्य है। पृथ्वी पर लगभग 71% भाग जल से ढका हुआ है, लेकिन इस जल का एक बहुत छोटा हिस्सा ही पीने योग्य है।

जल के स्रोत

जल कई स्रोतों से प्राप्त होता है, जिनमें प्रमुख हैं:

नदी: नदियाँ जल का प्रमुख स्रोत हैं। ये पीने के पानी, कृषि सिंचाई, और उद्योगों के लिए जल प्रदान करती हैं।
झील और तालाब: ये भी जल के स्थिर स्रोत होते हैं और जल संग्रहण का काम करते हैं।
भूजल: धरती के नीचे जमा हुआ जल भूजल कहलाता है। इसे कुएं और हैंडपंप के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
समुद्र: यद्यपि समुद्री जल खारा होता है, लेकिन इसे जलवाष्प के रूप में प्राप्त कर बारिश के रूप में मीठा पानी मिलता है।
जल का संरक्षण

जल का सही प्रकार से उपयोग और उसका संरक्षण करना अति आवश्यक है। जल संरक्षण के प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

जल का पुनः उपयोग: घरेलू कार्यों में इस्तेमाल होने वाले जल को अन्य कार्यों में दोबारा उपयोग किया जा सकता है, जैसे बगीचे में पौधों को पानी देना।
वर्षा जल संग्रहण: वर्षा के पानी को संग्रहित करके सूखे समय में उपयोग किया जा सकता है।
जल-संवर्धन तकनीक: जल को प्रदूषण से बचाने और भूमि की नमी बनाए रखने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे चेक डैम बनाना।

जंगल का महत्व

जंगल पर्यावरण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल जैव विविधता का घर होते हैं, बल्कि पृथ्वी के लिए फेफड़ों की तरह काम करते हैं। जंगल पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं का निवास स्थान होते हैं। इसके अलावा, जंगल भूमि के कटाव को रोकते हैं, जलवायु को नियंत्रित करते हैं और वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा को बनाए रखते हैं।

जंगलों के प्रकार

भारत में मुख्यतः चार प्रकार के जंगल पाए जाते हैं:

उष्णकटिबंधीय वर्षावन: ये घने जंगल होते हैं जहाँ वर्ष भर भारी बारिश होती है। यहाँ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु पाए जाते हैं।
पर्णपाती वन: ये वन अधिकतर भारत के मध्य और उत्तरी भागों में पाए जाते हैं। यहाँ पेड़ अपनी पत्तियाँ शरद ऋतु में गिरा देते हैं।
शीतोष्ण वन: ये वन पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं और यहाँ का तापमान ठंडा होता है।
रेगिस्तानी वन: ये वन शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यहाँ के पेड़ जल संग्रहण में सक्षम होते हैं, जैसे कैक्टस।
जंगल का संरक्षण

जंगल का संरक्षण अति आवश्यक है क्योंकि:

ये हमारी जलवायु को स्थिर रखते हैं।
भूमि के कटाव को रोकते हैं।
औषधीय पौधों और जैव विविधता का संरक्षण करते हैं।

जंगलों की कटाई से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है, जो पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध होता है। हमें जंगलों की कटाई को रोकने और नए पेड़ लगाने की दिशा में काम करना चाहिए।

जल और जंगल का आपसी संबंध

जल और जंगल का आपस में गहरा संबंध है। जंगल बारिश को आकर्षित करने और जलवायु को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। जल, जंगलों में पौधों और पेड़ों की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है। इसके अलावा, जंगल भूमि की नमी को बनाए रखते हैं और जल संग्रहण में भी सहायक होते हैं।

जब जंगलों की कटाई होती है, तो इसका सीधा असर जल चक्र पर पड़ता है। वनों की कटाई से वर्षा की मात्रा में कमी आती है और मिट्टी की उर्वरता भी घटती है। इस प्रकार जल और जंगल के बीच का संतुलन बिगड़ने से पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जैसे सूखा, बाढ़ और भूमि का कटाव।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

जल और जंगल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

वन महोत्सव: अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए हर साल वन महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इससे न केवल वन क्षेत्र बढ़ता है, बल्कि जलवायु भी बेहतर होती है।
जल सरंक्षण कार्यक्रम: सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जल संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जैसे वर्षा जल संचयन, जलस्रोतों की सफाई और प्रदूषण मुक्त अभियान।
शिक्षा और जागरूकता: छात्रों और जनता को जल और जंगल के महत्व के बारे में शिक्षा और जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है। इससे लोग प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील होंगे।
कानूनी प्रावधान: जंगलों की अवैध कटाई और जल प्रदूषण को रोकने के लिए कठोर कानूनों का पालन करना आवश्यक है। सरकार को इसके लिए उचित नीतियाँ बनानी चाहिए।
निष्कर्ष

जल और जंगल हमारे जीवन के आधारभूत स्तंभ हैं। इनके बिना जीवन असंभव है। इस अध्याय से यह स्पष्ट होता है कि हमें जल और जंगल का महत्व समझकर उनका संरक्षण करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करें और उनके संरक्षण के प्रति जागरूक रहें। जल और जंगल दोनों ही पृथ्वी की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है।

इसलिए, हमें मिलकर जल और जंगल का सही तरीके से प्रबंधन और संरक्षण करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका लाभ उठा सकें।

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